Gobar Dhan Yojana: सरकार गोबर-धन योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में बायोगैस प्लांट स्थापित करने के लिए 37 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करती है। इस पहल से स्वच्छ ईंधन का उत्पादन, पर्यावरण की रक्षा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है। इस योजना के माध्यम से पशुपालकों को आर्थिक लाभ और ऊर्जा की बचत का लाभ मिल रहा है।
Gobar Dhan Yojana
केंद्र सरकार ने 2018 में ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को आर्थिक सहायता और स्वच्छ ईंधन के प्रोत्साहन के लिए गोबर-धन योजना की शुरुआत की। इस योजना के अंतर्गत, सरकार बायोगैस प्लांट स्थापित करने पर 37 हजार रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिससे ग्रामीणों के लिए प्लांट लगाना सरल हो गया है। यह योजना न केवल पर्यावरण की सफाई में योगदान करती है, बल्कि गांवों में रोजगार के अवसर भी उत्पन्न कर रही है। बायोगैस प्लांट के माध्यम से ग्रामीणों को खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन प्राप्त हो रहा है, जिससे उनकी पारंपरिक ईंधन पर होने वाले खर्च में भी कमी आ रही है।
योजना का उद्देश्य
गोबर धन योजना का प्राथमिक उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में फैली गंदगी को समाप्त करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। केंद्र सरकार ने इस योजना को लागू करके एक साथ दो लक्ष्यों को साधने का प्रयास किया है। इस योजना के माध्यम से एक ओर गांवों में स्वच्छता का स्तर बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर किसान अपने मवेशियों के गोबर को बेचकर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त, सरकार इस कचरे का उपयोग करके बायोगैस और बायो सीएनजी गैस का उत्पादन भी करेगी, जिससे पूरे देश में प्रदूषण में कमी आएगी।
योजना का लाभ
- जैविक अपशिष्ट का प्रभावी प्रबंधन करके और इसे उपयोगी उत्पादों में परिवर्तित करके ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन और पर्यावरणीय प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
- बायोगैस और जैविक खाद की बिक्री से अतिरिक्त आय प्राप्त होती है।
- यह बेहतर स्वच्छता को सुनिश्चित करता है और ग्रामीण क्षेत्रों में अनियंत्रित मवेशियों के गोबर से उत्पन्न स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को कम करता है।
- जैव-गैस का उत्पादन होता है, जो ऊर्जा का एक नवीकरणीय स्रोत है, जिससे जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता में कमी आती है।
- बायोगैस संयंत्रों के निर्माण, संचालन और रखरखाव के साथ-साथ अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाइयों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होते हैं।
आवश्यक दस्तावेज
- आवेदक का आधार कार्ड
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- कंपनी के दस्तावेज (बायोगैस स्थापित करने हेतु)
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- मोबाइल नंबर
योजना के लिए पात्रता
- पर्याप्त पशुधन, पानी और कार्बनिक पदार्थ की उपलब्धता होनी चाहिए।
- किसान के पास कम से कम 5 गौवंश होना अनिवार्य है।
- आवेदक भारत का नागरिक और ग्रामीण क्षेत्र का होना जरूरी है।
- कोई भी प्राइवेट या फिर सरकारी संस्था बायोगैस का प्लांट स्थापित कर सकती है।
योजना के लिए आवेदन
- आधिकारिक वेबसाइट swachhbharatmission.ddws.gov.in पर जाएं।
- आवेदन पत्र भरें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन जमा करें।