Gau Mata Poshan Yojana: भारत में प्राचीन काल से गाय हिंदू धर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। हिंदू धर्म के अनुयायी गाय को माता के रूप में पूजते हैं। हालाँकि, हाल के वर्षों में बदलते भारत में गायों के प्रति लोगों की रुचि में कमी आई है। इसके परिणामस्वरूप, लोग गायों का पालन करने के बजाय उन्हें सड़कों पर आवारा छोड़ने लगे हैं। इससे गायों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है और आम जनता को भी उनके आवारा घूमने के कारण अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए, गुजरात सरकार ने मुख्यमंत्री गौमाता पोषण योजना की शुरुआत की है, जो देश के समक्ष एक नई पहल प्रस्तुत करती है। इस योजना के अंतर्गत गोवंश और गायों के उचित रखरखाव का कार्य किया जाएगा।
Gau Mata Poshan Yojana
गुजरात सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में मुख्यमंत्री गौमाता पोषण योजना की शुरुआत की घोषणा की थी। इस योजना के अंतर्गत गोवंश और गौ माता का पालन-पोषण करने वाली मौजूदा गौशालाओं और पांजरापोल को या नई गौशाला स्थापित करने पर संचालकों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही, गौशालाओं में स्वास्थ्य सेवाओं को शामिल किया जाएगा और गायों के आहार का उचित प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा।
गौशालाओं में गौ माता के देखभाल के लिए और कार्य करने के लिए लोगों को नियुक्त किया जाएगा, जिससे बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस योजना के संचालन के लिए सरकार द्वारा हर वर्ष ₹500 का बजट निर्धारित किया गया है। इस योजना के माध्यम से गुजरात में विभिन्न स्थानों पर नई गौशालाओं की स्थापना होगी, जिससे गौ माता का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सकेगा।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का प्रमुख लक्ष्य गुजरात में गौ माता और गोवंश की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। हाल के समय में गायों को पालने की रुचि में कमी आई है, जिसके परिणामस्वरूप गायें सड़कों पर आवारा घूमती हुई दिखाई देती हैं। इस स्थिति के कारण उन्हें उचित भोजन और पानी नहीं मिल पाता, जिससे उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है, और वे आम जनता के लिए समस्या बन जाती हैं।
इस योजना के तहत विशेष रूप से आवारा गायों और गोवंश की देखभाल करने वाली गौशालाओं और पांजरापोल को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के माध्यम से सड़कों पर घूमने वाली गायों को संरक्षण और सुरक्षा मिलेगी, जिससे आम जनता भी आवारा गायों के कारण होने वाली समस्याओं से बच सकेगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आवारा गायों को दुर्घटनाओं, बीमारियों और शारीरिक कष्टों से बचाना है।
योजना का लाभ
- इस योजना का लाभ विशेष तौर पर गुजरात में आवारा घूमने वाली गायों को मिलेगा।
- इस योजना के माध्यम से राज्य में नए-नए गौशालाएं खुलेंगी और साथ ही गौशालाओं में स्वास्थ्य सेवाओं को जोड़ा जाएगा।
- इस योजना के माध्यम से गौशालाओं में गौमाता और गोवंश का रखरखाव और संरक्षण करने के लिए लोगों को काम पर रखा जाएगा जिससे बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा।
- इसके अलावा गौशालाओं में गायों के खानपान का उचित प्रबंधन किया जाएगा। ताकि गाय स्वस्थ रहें और कम बीमार पड़े।
- योजना के माध्यम से गाय सड़कों पर आवारा की तरह नहीं घूमेंगी जिससे आम जनता को भी फायदा होगा।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- राशन कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- पुरानी गौशाला और पांजरा पोल का पंजीयन प्रमाण पत्र
- नई गौशाला खोलने के लिए पर्याप्त जगह एवं संसाधन प्रमाण पत्र
योजना के लिए पात्रता
- आवेदक को गुजरात राज्य का स्थाई निवासी होना ज़रूरी है।
- इस योजना के तहत पशुपालक आवेदन करने के पात्र हैं।
- वह संचालक जो पहले से ही खुली हुई गौशाला और पांजरापोल चला रहे है वह भी इस योजना के तहत आवेदन करने के पात्र हैं।
योजना के लिए आवेदन
- आधिकारिक वेबसाइट cmogujarat.gov.in पर जाएं।
- आवेदन पत्र भरें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन जमा करें।